This website uses cookies to provide a better user experience.

By clicking accept, you agree to the policies outlined in the Cookie Settings.

accessibility
Accessibility Controls
Accessibility Controls

चंपानेर – पावागढ़ पुरातत्‍व पार्क

Inner  Banner
Agra Fort

चंपानेर – पावागढ़ पुरातत्‍व पार्क

गुजरात

चंपानेर – पावागढ़ पुरातत्‍व पार्क अपनी प्राचीन हिन्‍दु वास्‍तुकला, मंदिरों और विशेष जल – संग्रहण प्रणालियों के साथ-साथ 16वीं शताब्‍दी में मेहमूद बेगड़ा द्वारा निर्मित क्षेत्रीय राजधानी शहर के समय की अपनी धार्मिक, सैन्‍य और कृषि संबंधी संरचनाओं सहित हिन्‍दु और मुस्लिम वास्‍तुकला के संपूर्ण मेल को दर्शाता है। ऐसा मुख्‍यत: विख्‍यात मस्जिद (जामी मस्जिद) में देखने को मिलता है जो भारत में बाद की मस्जिद वास्‍तुकला के लिए एक आदर्श थी। यह विशेष शैली क्षेत्रीय सल्‍तनतों के महत्‍वपूर्ण काल से संबंधित है। इसके अलावा यह एक अत्‍यंत अल्‍पकालिक राजधानी का उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है जिसके द्वारा अपनी अवस्थिति, भौगोलिक स्थिति और प्रकृति का सर्वोत्‍तम उपयोग किया गया।

ये स्‍थल पावागढ़ पहाड़ी की तलहटी और उसके इर्द-गिर्द स्थित हैं और ज्‍वालामुखीय प्रस्‍फुटन और लावा के बहने के परिणामस्‍वरूप बनी निम्‍नतर पहाडि़यों, ढलानों तथा पठारों से घिरे हुए हैं। पहाड़ी के शीर्ष पर कालिकामाता मंदिर स्थित है। इस स्‍थल पर ही मेहमूद बेगड़ा के उजाड़ शहर के साथ-साथ 8वीं से 14वीं शताब्दियों के दुर्ग, जल संग्रहण प्रणालियां और खड़ी इमारतें मौजूद हैं। इसमें ऐतिहासिक शहर के क्षेत्र के भीतर बसा हुआ चंपानेर गांव भी शामिल है। यहां दो अहाते मौजूद हैं। पहला है शाही प्रांगण जो मीनारों और प्रवेश द्वारों सहित ऊंची सुरक्षा प्रदान करने वाली पत्‍थर की दीवारों से महफूज़ है और जिसमें पहले महल, बगीचे, शाही मस्जिद और प्रशासनिक भवनों का स्‍थान हुआ करता था और अब जहां आधुनिक गांव और सरकारी कार्यालय स्थित हैं। अहाते का अधिकतर भाग दबा हुआ है और खोद कर निकाला नहीं गया है।

शहरी दरवाजे से होते हुए एक सुंदर मार्ग से शाही महल जुड़ा हुआ है और इसके अहाते के बाहर एक मस्जिद है। दूसरा अहाता जहांपनाह कहलाता है इसे भी खोदा नहीं गया है। ये बेगड़ा की राजधानी थी और मुगल साम्राज्‍य द्वारा विजय प्राप्‍त किए जाने तक यह मध्‍य 16वीं शताब्‍दी तक अज्ञात रही। आस-पास के किलों से शहर के मध्‍य की ओर जाने वाली अच्‍छी और पक्‍की बनी गलियों से मिलकर बनी मुख्‍य सड़क प्रणाली को उजागर करते हुए शहरी आयोजना का अध्‍ययन किया गया।

यह समस्‍त क्षेत्र अब तक उत्‍खनन स्‍थल है जिसमें बगीचों और पानी के स्रोतों को डिजाइन का एक हिस्‍सा बनाकर अमीर और आम लोगों के लिए आवासीय क्षेत्र, कुछ गलियों के साथ दुकानें और व्‍यापारिक क्षेत्र ; पवेलियन और सार्वजनिक उद्यान ; आवासीय क्षेत्रों में और उसके आस-पास स्थित मस्जिदें शामिल है। मस्जिदों के साथ-साथ कब्रिस्‍तान और समाधियां और मंदिर हैं जो मुख्‍यत: पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित है और ये विभिन्‍न हिंदु देवताओं से संबंधित हैं। ये मंदिर बहुत सुंदर तरीके से सज्जित हैं और यह सज्‍जा मुख्‍यत: पत्‍थर पर नक्‍काशी से की गई है।