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प्राकृतिक उपस्थिति के साथ सांस्कृतिक संगठन को वित्तीय सहायता

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प्राकृतिक उपस्थिति के साथ सांस्कृतिक संगठन को वित्तीय सहायता

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1Calling application/proposal for the year 2022-23Document   (477 KB)
2Important Instruction/Notice/Order for grantee organisationsView  
3MinutesView  
4Sanction OrdersView  
5ArchivesView  
6Application FormDocument   (48.4 KB)

 

संपर्क सूत्र

पूछताछ का समय सभी कार्य दिवसों में दोपहर 3 से 4 तक है। पूछताछ के लिए श्री आशीष कुमार अनुभाग अधिकारी (पी आर्ट्स) से फोन नं. 011-24642137 पर संपर्क किया जा सकता है।

 

पात्रता

  • अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्रता हेतु आवेदक संगठन का एक समुचित रूप से गठित प्रबंधन निकाय अथवा शासी निकाय अथवा शासी परिषद होनी चाहिए जिसमें लिखित संविधान के रूप में इनकी शक्तियों, दायित्वों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से उल्लिखित और निर्धारित किया होना चाहिए।
  • इसके पास जिस परियोजना के लिए अनुदान अपेक्षित है उसको शुरू करने के लिए सुविधाएं, संसाधन, कार्मिक एवं अनुभव होना चाहिए।
  • आवेदक संगठन को भारत में पंजीकृत होना चाहिए और राष्ट्रीय मौजूदगी समेत इसे अखिल भारतीय स्तर का होना चाहिए तथा इसकी राष्ट्रीय / अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचालनात्मक मौजूदगी होनी चाहिए।
  • इस संगठन के कार्यकलाप मुख्य रूप से अथवा महत्वपूर्ण रूप से सांस्कृतिक होने चाहिए।
  • इस संगठन की क्षमता वर्ष भर में कम से कम 20 समारोह / कार्यक्रम करने की होनी चाहिए।
  • इस संगठन के पास पर्याप्त कार्यक्षमता, कलाकार / स्टाफ / स्वैच्छिक सदस्य होने चाहिए।
  • इस संगठन द्वारा सांस्कृतिक कार्यकलापों पर विगत 5 वर्षों के 3 वर्षों में एक करोड़ अथवा अधिक की राशि खर्च की हुई होनी चाहिए।
  • वित्‍तीय सहायता नीचे सूचीबद्ध सभी मदों और अथवा कुछ मदों के लिए प्रदान की जाएगी :
    • सामान्यतः कुल सरकारी अनुदान के 25 प्रतिशत का उपयोग कला एवं संस्कृति के प्रोन्नयन पर केन्द्रित संस्थान / संगठन/ संस्कृति के भवन के रख-रखाव (स्टाफ वेतन, कार्यालयी खर्च, विविध खर्च) निर्माण / मरम्मत / विस्तार/ पुनर्स्‍थापन/ नवीकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
    • सामान्यतः कुल सरकारी अनुदान के 25 प्रतिशत का उपयोग हर हाल में कला एवं संस्कृति के संवर्धन संबंधी शोध परियोजनाओं समेत सांस्कृतिक विरासत तथा कला के परिरक्षण और संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण समारोह को प्रदर्शित / आयोजित करने पर हुए अन्य विविध खर्चों तथा मानदेय के भुगतान के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।

 

अनुदान को जारी करने की पद्धति और शर्तें

  • विशेषज्ञ सलाहकार समिति द्वारा स्कीम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों / प्रस्तावों के मूल्यांकन तथा इसके पश्चात् संस्कृति मंत्रालय में प्रशासनिक प्राधिकार के आधार पर अनुदान प्रदान किया जाएगा।
  • यह अनुदान 2 किश्तों में प्रदान किया जाएगा (अर्थात् 75 प्रतिशत और 25 प्रतिशत) इसकी पहली किश्त परियोजना के अनुमोदन के समय जारी की जाएगी। इसकी दूसरी किश्त समुचित प्रारूप (जीएफआर-19 (ई) के अनुसार) में उपयोग प्रमाण-पत्र, अनुदान प्राप्तकर्ता के हिस्से समेत अनुदान की संपूर्ण राशि के उपयोग को दर्शाते हुए लेखाओं का विधिवत लेखा-परीक्षा विवरण तथा चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा सत्यापित अन्य दस्तावेजों की प्राप्ति होने पर जारी किया जाएगा। अनुदान की शेष राशि को जारी करने पर निर्णय अनुमोदित अनुदान की अधिकतम सीमा के अध्यधीन रहते हुए वास्तविक व्यय के आधार पर किया जाएगा।
  • वित्‍तीय सहायता पाने वाला संगठन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार अथवा संबंधित राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत अधिकारी / प्रतिनिधि द्वारा निरीक्षण के लिए खुला रहेगा।
  • परियोजना के लेखाओं को समुचित तथा पृथक रूप से रखा जाएगा और भारत सरकार के द्वारा जब कभी मांगा जाए इन्हें प्रस्तुत किया जाएगा और ये इसके विवेक के आधार पर केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अधिकारी द्वारा जांच के अध्यधीन होंगे।
  • यह संगठन कला एवं संस्कृति के प्रोन्नयन पर केन्द्रित संस्थान/संगठन/केन्द्र के भवन के रख-रखाव (स्टाफ वेतन, कार्यालय खर्च, विविध खर्च) और निर्माण/मरम्मत/विस्तार/पुनर्स्‍थापन/नवीकरण के लिए उपयोग के परिव्यय का विस्तृत मद-वार ब्यौरा प्रदान करेंगे।
  • अनुदान प्राप्तकर्ता निम्नलिखित का रख-रखाव करेगा :
    • सरकार से प्राप्त सहायतानुदान के अतिरिक्त लेखे
    • मशीन से विधिवत छपे हुए हस्त-लिखित सजिल्द पुस्तक में रोकड़ बही रजिस्टर
    • सरकार और अन्य एजेंसियों से प्राप्त अनुदान के लिए सहायतानुदान रजिस्टर
    • व्यय की प्रत्येक मद जैसे हॉस्‍टल भवन का निर्माण आदि के लिए पृथक बहीखाते
  • संगठन केन्द्र सरकार के अनुदान से पूर्णतः और आंशिक रूप से अर्जित सभी परिसम्‍पत्तियों का रिकॉर्ड रखेगा और जिस उद्देश्य के लिए अनुदान दिया गया है उसके अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए इन्हें भारत सरकार की पूर्व अनुमति के बिना नहीं बेचेगा अथवा ऋणग्रस्त और उपयोग करेगा।
  • किसी भी समय यदि भारत सरकार के पास ऐसा विश्वास करने के पर्याप्त कारण हैं कि मंजूर की गई धनराशि का उपयोग अनुमोदित उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा रहा है तो अनुदान का भुगतान रोका जा सकता है और पहले के अनुदानों की वसूली की जा सकती है।
  • संगठन को अनुमोदित परियोजना के कार्य के लिए अवश्य ही तर्कसंगत किफायत अपनानी चाहिए।
  • अनुदान प्राप्तकर्ता संगठन वास्तविक उपलब्धियों तथा प्रत्येक अनुमोदित मद पर पृथक रूप से हुए व्यय दोनों के विस्तृत ब्यौरे देते हुए परियोजना की तिमाही प्रगति रिपोर्ट संस्कृति मंत्रालय को प्रस्तुत करेगा।
  • ऐसे आवेदन जिनके पिछले अनुदान/उपयोग प्रमाण-पत्र लंबित हैं उन पर विचार नहीं किया जाएगा।
  • संगठन को अपने आस-पास के किसी भी विद्यालय में कम से कम 2 गतिविधियां (समारोह, व्याख्यान, सेमिनार, कार्यशाला, प्रदर्शनी आदि) अवश्य ही आयोजित करनी चाहिए। दूसरी किस्त जारी करने के लिए इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा जारी एक प्रमाण-पत्र अनिवार्य रूप से अपेक्षित होगा।

 

सहायता की मात्रा

एक संगठन को सामान्यतः 1.00 करोड़ रू. तक की वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, मंत्रालय द्वारा यह वित्‍तीय सहायता केवल 2.00 करोड़ रू. तक सीमित होगी। तथापि, संस्कृति मंत्री के अनुमोदन से आपवादिक / सुयोग्य मामलों में इस धनराशि को 5.00 करोड़ रू. तक बढ़ाया जा सकता है। स्कीम के अंतर्गत किसी संगठन के लिए सहायता उपरोक्त सीमा के अध्यधीन अनुमोदित लागत के अधिकतम 67 प्रतिशत तक सीमित रहेगी। अनुमोदित लागत के शेष 33 प्रतिशत को संगठन द्वारा इसके ‘बराबर के हिस्से’ के रूप में खर्च किया जाएगा (राज्य / संघ राज्यक्षेत्र सरकार/ केन्द्रीय मंत्रालय/ पीएसयू/ विश्वविद्यालय आदि द्वारा अंशदान के अलावा)।

 

लेखांकन प्रक्रियाएं

केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए अनुदान के संबंध में पृथक लेखाओं का रख-रखाव किया जाएगा ;

  • अनुदान प्राप्तकर्ता संगठन के लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक अथवा उसके विवेकानुसार उनके नामिती के द्वारा किसी भी समय लेखा-परीक्षा के लिए उपलब्ध रहेंगे।
  • अनुदान प्राप्तकर्ता संगठन अनुमोदित परियोजना पर हुए खर्च को दर्शाते हुए तथा पूर्व वर्षों में सरकारी अनुदान के उपयोग का उल्लेख करते हुए सनदी लेखाकार द्वारा लेखा-परीक्षित लेखाओं का विवरण भारत सरकार को प्रस्तुत करेगा। यदि निर्धारित अवधि के भीतर उपयोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो जब तक सरकार द्वारा कोई विशेष छूट न दी गई हो, वह तुरंत प्राप्त अनुदान की राशि को उस पर भारत सरकार की मौजूदा ब्याज दर के साथ वापस लौटाने की व्यवस्था करेगा।
  • अनुदान प्राप्तकर्ता संगठन, जब कभी भी सरकार द्वारा आवश्यक प्रतीत होने पर भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय द्वारा समिति नियुक्त करके अथवा भारत सरकार द्वारा निर्धारित किसी अन्य तरीके के माध्यम से समीक्षा के लिए खुला रहेगा।
  • अनुदान प्राप्तकर्ता संगठन विदेश मंत्रालय की पूर्व अनुमति के बिना किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल (जिन्हें संस्कृति मंत्रालय की स्कीम द्वारा वित्‍तीय सहायता प्राप्त कार्यक्रमों के संबंध में आमंत्रित किया जा रहा है) को आमंत्रित नहीं करेगा। इस प्रकार की अनुमति के आवेदन संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से भेजे जाएंगे।
  • यह संगठन समय-समय पर सरकार द्वारा लगाए गए अन्य शर्तों के अध्यधीन होगा।

 

आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की प्रक्रिया:

संस्कृति मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर पात्र संगठनों से आवेदनों को आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन अपलोड किया जाएगा। विहित प्रपत्र में विधिवत भरे आवेदन पत्रों को केन्द्र सरकार/राज्य सरकार/ संघ राज्यक्षेत्र प्रशासन के संबंधित सांस्कृतिक विभाग/स्कंध अथवा संस्कृति मंत्रालय के किसी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों/राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), संगीत नाटक अकादमी (एसएनए), ललित कला अकादमी (एलकेए), सीसीआरटी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए), सहित राष्ट्रीय अकादमियों तथा इसी के समतुल्य निकायों द्वारा संस्तुत किया जाना चाहिए और इन्हें केवल इन्हीं संगठनों के माध्यम से भेजा जाना चाहिए। तथापि, संस्कृति मंत्रालय के पास किसी आवेदन पर सीधे विचार करने का विवेकाधिकार होगा।

 

आवेदन के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेज

  • संगठन की संरचना
  • शासी निकाय के प्रबंधन बोर्ड का संघटन और प्रत्येक सदस्य संबंधी ब्यौरे
  • अद्यतन उपलब्ध वार्षिक रिपोर्ट की प्रति
  • निम्नलिखित को शामिल करते हुए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट ;
    • जिस परियोजना के लिए सहायता चाहिए उसकी अवधि समेत उस परियोजना का ब्यौरा।
    • आवर्ती तथा गैर-आवर्ती व्यय का अलग-अलग मदवार ब्यौरा प्रदान करते हुए परियोजना का वित्‍तीय विवरण।
    • उस स्रोत का उल्लेख जहां से सदृश धनराशि प्राप्त की जाएगी।
  • आवेदक संगठन का विगत तीन वर्षों का आय और व्यय का विवरण तथा विगत वर्षों के तुलन पत्र की एक प्रति।
  • समुचित मूल्य के स्टाम्प पेपर पर विहित प्रपत्र में एक क्षतिपूर्ति बंध पत्र।
  • अनुमोदित अनुदान के इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण को सुलभ बनाने के लिए विहित प्रपत्र में बैंक खाते के विवरण।

 

छूट

  • ऐसे सभी सांस्‍कृतिक संगठन जो गैर-योजना शीर्ष के अंतर्गत पहले से ही सहायता अनुदान प्राप्‍त कर रहे हैं उन्‍हें स्‍कीम दिशा-निर्देशों के प्रावधानों के अंतर्गत योजना शीर्ष से अनुदान के लिए औपचारिक रूप से आवेदन करने से छूट प्राप्‍त होगी।
  • आपवादिक मामलों में संस्कृति मंत्रालय के पास विशेषज्ञ/संचालन/सलाहकार समिति की सिफारिशों पर दिशा-निर्देश के किसी भी मानदंड में कारणों को लेखबद्ध करते हुए छूट प्रदान करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा।